भगवान श्रीकृष्ण के मुख से निकले गीता के वे 10 उपदेश जिससे खुलते है सफलता के द्वार - HELP YOU

Breaking

Home Top Ad

www.youtube.com/rupeshkumarvideo

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Thursday 5 December 2019

भगवान श्रीकृष्ण के मुख से निकले गीता के वे 10 उपदेश जिससे खुलते है सफलता के द्वार

Gita Jayanti 2019: मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के श्रीमुख से गीता का जन्म हुआ, इस कारण मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को गीता जयंती के रूप में मनाते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को जीवन, मरण, मोह और माया के चक्र से मुक्त करने के लिए गीता का उपदेश दिया। गीता के वे उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं। यदि आज के समय में हम गीता के प्रमुख उपदेशों को आत्मसात कर लें, तो जीवन में सफलता के द्वार खुल जाएंगे।

जीवन सफल करने वाले गीता के उपदेश

1. आत्मा अजर-अमर है, शरीर नश्वर है

शरीर नश्वर है। यह अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश से बना है। यह एक दिन इसमें ही मिल जाएगा। आत्मा अविनाशी है, वह कभी मरती नहीं है, ना ही इसका जन्म होता है और न ही मृत्यु होती है। आप अपने शरीर की सुंदरता पर गर्व न करें, आत्मा से ही आपकी पहचान है।

2. हर परिस्थिति में एक समान रहें

इस संसार में सब कुछ परिवर्तनीय है। हर समय यहां हर चीज बदलती है। परिवर्तन इस संसार का नियम है। इस वजह से मनुष्यों को सुख, दुख, जीवन, मरण, जय, पराजय, सम्मान, निंदा आदि परिस्थितियों में स्वयं को एक समान रखें।

3. क्रोध पर नियंत्रण रखें

क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए। इससे भ्रम पैदा होता है, फिर आप अपना विवेक खो देते हैं। विवेकहीन व्यक्ति कोई सही निर्णय नहीं ले सकता है। ऐसे में आप अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें।

4. कर्म में विश्वास रखो

मनुष्य को हमेशा कर्म करना चाहिए। आपके किए गए कर्म ही फल देते हैं। फल की चिंता किए बगैर आप अपना कर्म करें। कर्म के बिना जीवन का कोई आधार नहीं है।

5. कर्म से पहले विचार

कोई भी कर्म करने से पूर्व विचार करो। आप जो कर्म करने जा रहे हो, वह सही है या गलत। कर्म के बाद प्राप्त फल स्वयं ही भोगना होता है।

6. वर्तमान का आनंद लो

जो होना है, वह होगा। उस पर आपका नियंत्रण नहीं है। इसके लिए आप चिंता न करें। बीते हुए कल और आने वाले कल की चिंता करना व्य​र्थ है। मनुष्य को हमेशा वर्तमान का आनंद लेना चाहिए।

7. इच्छाओं पर नियंत्रण रखें

कहा जाता है कि इच्छाओं का कोई अंत नहीं है, वे असीमित और अनंत हैं। मनुष्यों को अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए। इच्छाएं ही आपकी परेशानियों और समस्याओं का कारण होती हैं।

8. अटल सत्य है मृत्यु

जो लोग ये सोचते हैं ​कि वे हमेशा शक्तिशाली, धनवान, वैभव संपन्न रहेंगे, तो वे गलत हैं। इस संसार में मृत्यु ही एक अटल सत्य है, जिसने जन्म लिया है, उसकी मृत्यु निश्चित है। मनुष्य को मृत्यु से नहीं डरना चाहिए, उसे वर्तमान में कर्म करते हुए खुश रहना चाहिए।

9. ईश्वर आपके साथ है

ईश्वर सदैव मनुष्य के साथ है। मनुष्य को स्वयं को ईश्वर के प्रति समर्पित कर देना चाहिए।वह सर्वशक्तिमान है, जो मनुष्यों की रक्षा करता है, इसलिए मनुष्यों को सुख, दुख, भय, शोक आदि से मुक्त होना चाहिए।

10. अति से बचें

जीवन में संतुलन का होना आवश्यक है, इसलिए मनुष्य को किसी भी प्रकार की अति से बचना चाहिए। सुख, दुख, प्रेम ​किसी भी चीज की अति न करें, यह आपके लिए हानिकारक होता है।

1 comment:

  1. POSTINGAN ANDA CUKUP MENARIK, JANGAN LUPA JUGA UNTUK KUNJUNGI SITUS TERPERCAYA KAMI !!!!
    Slot Online Terlengkap Indonesia 2021

    ReplyDelete

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages